कलम लाइव पत्रिका

ईमेल:- kalamlivepatrika@gmail.com

Sponsor

कश्मीरी विहान

कश्मीरी विहान


।। ।। 1।।

केशर के क्यारिन मे कश्मीरी कुमारिन मे वन बीच बारिन में बगर्यो सुगंध है।
काले-काले बालन मे कानन के झालन मे सेब जस गालन मे जग भयो अंध है।।
आवत प्यारे ईद हैं मनाये बकरीद हैं गवाह चश्मदीद हैं उर खोले  रंध्र हैं।
तीन सौ सत्तर पस्त है जन - जन मस्त हैं हालत अरि को खस्त हैं झुकाये कंध हैं।।

                         ।। 2।।

मोदी सरकार अब दशक है पार जब मुख ताकैं अरि सब पाक भयो पंगु है।
तिरंगा लहरात है डोलत नाहीं पात है सुगंध विखरात है नहाये  वो गंगु  हैं।।
दुनिया को आभार है मदमस्त संसार है हिंद को अधिकार है सबै जनु दंग हैं।
सत्तर को हटाये हैं भेदभाव मिटाये हैं जहान को पटाये हैं सबै मोदी संगु हैं।।

                         ।। 3।।

छिड़त वेणु गान है किन्नरियों का तान है कश्मीर पे लोभान है प्यारा हिंदुस्तान है।
शुभ्र श्वेत नगराज डल झील हसैं आज झूमत नारी समाज भारतीय शान  है।। 
पथिक पंथ भूले हैं पथ कश्मीरी खुले हैं पड़े सावनी झूले हैं भिन्न पहचान है।
पाक गयो है पंक में अस्त भये आतंक में बालाएं निज अंक में खिलत विहान है।।

स्वरचित घनाक्षरी             ।। कविरंग।।
                     पर्रोई - सिद्धार्थ नगर( उ0प्र0)

No comments:

Post a Comment