*विदेश में रहने वाले हिन्दुस्तानीयों की सुनो*
तन मन धन सब,मैने तुझको दे दिया।
दिल मेरा बस्ता है,
आज भी हिंदुस्तान में।
कैसे मैं भूल जाऊ,
अपने हिंदुस्तान को।
पैदा हुआ जहां,
वो मेरा हिंदुस्तान है।।
कितनी पावन भूमि,
हिंदुस्तान की है।
कण कण में जहां,
बसतें भगवान हैं।
कितने देवी देवताओं ने,
जन्म यहां लिया।
वो देश यारो,
अपना हिंदुस्तान है।।
माना कि मैं छोड़कर,
आ गया परदेश।
कर्म भूमि मैने अपनी,
बना ली इसे।
पर दिल धड़कता रहता है,
आज भी हिंदुस्तान के लिए।
क्योंकि मैंने जन्म लिया
हिंदुस्तान में।।
पीड़ा क्या में सुनाऊ,
तुमको लोगो अपनी।
संसाधनों के अभाव में,
जाना पड़ा वहां।
जो काम यहां करना था,
वो कर रहे वहां।
विश्व के पटल पर,
नाम उनका हो रहा।।
कितना शोषण हो रहा,
हिन्दुस्तानीयों का वहां ।
पीड़ा नहीं सुनता कोई,
उन लोगो की वहां।
मेहनत किये जा रहा हैं
हिंदुस्तानी,
और प्रगति हो रही,
उन देशों की।।
मेहनत किये जा रहा,
वहां अपना हिंदुस्तानी।।
संजय जैन (मुम्बई)
19/08/2019
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