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शिक्षक दिवस विशेष'

     ‘शिक्षक  दिवस विशेष'

 गुरु चरणों की वंदना हम सब मानव चाहते हैं
 और गुरुवर का सम्मान सदा ईश्वर से बढ़कर करते हैं ।

गुरु वशिष्ठ और विश्वामित्र सा हम सब भी गुरुवर चाहते हैं
 जैसें श्रेष्ठ पुरुष श्री राम बने वैंसे ही, हम सब भी बनना चाहते हैं।
 गुरु ब्रह्मा ,गुरु विष्णु, गुरुवर ही महेश बने हैं अब 
हम सब भी लव कुश के जैसें, गुरु कृपा बस चाहते हैं ।

हम सब अपने गुरुवर का ईश्वर से पहले पूजन करते हैं 
औ बिना आॅ॑ख के सूर् के जैसें ईश्वर दर्शन  करना चाहते हैं।

 गुरु वाल्मीक के रामायण का , कथानक बनना चाहते हैं
 औ गुरु मिलें  वाल्मीकि जैसें तो रामायण के राम बनना चाहते हैं ।
गुरुवर तेरे चरणों में हम सौं– सौ़ बार शीश झुकाते हैं 
भले बने हैं प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता पर, प्रथम पूजन गुरुवर का करते हैं ।

 प्रेम समर्पण भाव लिए ,अपना स्वाभिमान समर्पित करते हैं गुरुवर अंतरपट को खोल दो मेरे, हम सब इतना आशीष आपका  चाहते हैं  ।।

रेशमा त्रिपाठी
प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश।

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