*साथ पाओगे*
दोस्त मुझे जल्दी,
समझ नहीं पाते।
समझने से पहले ही,
उम्मीदें लगा लेते।
जब वो पूरी न,
हो सके तो।
मुझे बहुत भलाबुरा,
वो कह देते।।
जिंदगी का अभीतक,
तो यही हाल हैं।
सभी अपनी जिंदगी से,
मानो परेशान हैं।
पर ये मतलब नहीं,
कि जीना छोड़ दे।
और अपनी बनाई,
दुनियां से मुंह मोड़ ले।।
मिला है मानव जीवन,
तो हंस कर जीओ।
जिंदगी के गमो को,
भूल कर जीओ।
जिंदगी आपकी खुद,
ही बदल जाएगी।
बस उम्मीदें दिल में,
जिंदा रखकर देखो।।
जिंदगी को आप खुद समझे।
सामने वाले कि हकीकत को समझे।
जिस दिन ये बाते समझ जाओगे।
संजय जैसो को,
साथ खड़ा तुम पाओगे।।
जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन (मुम्बई)
20/08/2019

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