कविता :- नारी शक्ति
नारी शक्ति है, नारी सम्मान हैरचा नारी ने ही ये विधान है
हमारा सादर इनको प्रणाम है
नारी की शक्ति जग में महान है
कमला ये, है यही मां भारती
यही है मां काली का वैभव
दुर्गा, अनुसूया सावित्री अवतार
दीन दुखियों की हो करतार
मीरा बाई सम भक्ति
लक्ष्मी का रणघोष है ये
पद्मावती का जौहर इसमें
मां काली सम पराक्रम है ये
कदम कदम मिलाकर चलती
रण क्षेत्र में न पीछे ये हटती
बुलंद हौसले गा रहा गान
नारी शक्ति है सबसे महान
प्रियदर्शिनी,टेरेसा सरोजिनी यही
बेदी कड़क सुष्मिता प्यारी भई
जननी है ये हमारी पालनहार
नारी शक्ति भव सागर पार
अर्द्धांगिनी ये, विश्वस्वरूपा है यही
दात्री यही, है हमारी भार्या भी यही
आज तक कोई कर सका न बखान
नारी की शक्ति इस जग में है महान
*ख़ेम सिंह चौहान "स्वर्ण"*
आभार आपका
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