कलम लाइव पत्रिका

ईमेल:- kalamlivepatrika@gmail.com

Sponsor

दस्तक dastak


            "ॐ"
           कविता

          दस्तक

सुन लो समय की दस्तक का आना।
फैला चहुँओर कोरोना।
इस समय हिम्मत ना खोना।
तुम जरा भयभीत ना होना।
जीवन का हरपल है सोना।
अपनों के संग मस्ती में रहो ना।
दरिया सा यह जीवन सबका।
बहकर हमको पार है जाना।
सुन लो समय की दस्तक का आना।
जीवन की आपाधापी में, छुटे पलो को वापस लाना।
उन पलो को फिर सजाना।
सब मिलकर साथ निभाना।
परिवारों से मेल बढ़ाना।
बूढ़े,बच्चे व्याकुल है सब।
 आओ कुछ पल उनके साथ बिताना।
कुछ खेलें, कुछ खाएं,कुछ सीखे, 
कुछ स्वादिष्ट व्यंजन बनाएं।
ना घबराए इस वायरस से।
हर पल प्रभु का ध्यान करो ना।
ना घबराना ना डर जाना।
हिम्मत से सब साथ निभाना।
जीवन पथ है,आनाजाना।
हिम्मत से आगे बढ़ जाना।
स्वच्छता का घ्यान है रखना।
फिर कोई कोरोना पास ना आना।
कुछ दिन घरों में ही रहना।
भारत से करोना को है भगाना।
अच्छे दिनों को फिर वापस है लाना।
सुन लो समय की दस्तक का आना।
   

    वंदना पुणतांबेकर
                      इंदौर

No comments:

Post a Comment