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मोहब्बत करने वाल बर्बाद रहता है। mohabbat krne wala barbad rahta h

 Ghazal ग़जल


तेरी यादों से ही ये गुलशन अब आबाद रहता है,*
 मोहब्बत करने वाला इसलिए बर्बाद रहता है।

 *बेजमीर लोगों को कब एहसान याद रहता है,*
कैद में है परिंदें मुत्मईन सय्याद रहता है।

 *जंग रोटी की खातिर थी उम्र के ढलान पे,*
गर्दिशों में रहने वाला  इसलिए फौलाद रहता है।

 *रेतीली जमीं, पत्थरों का शहर, शीशे के घर,*
 रब की रज़ा अबाबीलो का घराना आबाद रहता है।

 *फरेब है मोहब्बत इस दौर में सच्ची कहा है,*
 अब कोई हीर,रांझा, शीरी, फरहाद रहता है।

 *अस्मत के लुटेरों को हो नहीं सकती फांसी,*
 हां मगर इस शहर में एक जल्लाद रहता है।

 *अंधेरी रात में जुगनू दिल में साया साथ रहता है,*
 मां की दुआओं से ही गुलशन आबाद रहता है।

 *फकीरों के घराने से जो हम है शाहरुख़,*
 फटे हो लिबास हो मगर दिलशाद रहता है।

*शाहरुख मोईन*
अररिया बिहार

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