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हमारी भारत माँ फिर बीस लाल खोये है ।

हमारी भारत माँ फिर बीस लाल खोये है 

विधा :-  कविता

रे ! चीन
अब सुधर जा 
फिर हमारी भारत माँ 
अपनी बीस लाल खोये है ।

जिसमें कोई अपने बेटा ,
कोई अपने चाचा व बड़े भाई 
तो कोई अपने पति को खोकर
आज फिर मांग की सिन्दूर धोये है ।।

बदला
न लेता तो 
ये मत समझ जा
कि हम भारतीय सोये है ।।

                               जगा हूं 
हम रोशन भारतीय 
हम तो हमेशा दुनिया
में मानवता ही बोये है ‌।।

क्या
तुम्हारी करनी
उस करनी से कोरोना
उस कोरोना से आज विश्व रोये है ।।

✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
31वीं बंगाल बटालियन एन०सी०सी० फोर्ट विलियम कोलकाता- भी
पंजीकृत संख्या :- WB17SDA112047

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