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Ghazal शाहरुख मोईन

Ghazal

तख्त-ओ ताज हमको कहां सरकार चाहिए,*
 सिफारिशों से कहां हमको ऊंचा दरबार चाहिए।

*कितने दिनों रहोगे साहिबे मसनद तुम,*
 मुल्क में हो अमन ऐसा अधिकार चाहिए।

 *सरपरस्ती में कटवा ले जो अपना सर,*
 हम सबको ऐसा ही एक सरदार चाहिए।

 *सुबह हैरतजदा ख़बर सुनने को मिलेगी,*
 नहीं अब हमको झूठा अख़बार चाहिए।


 *हो हेतराम गर शरीयत के कानून का,*
 मुल्क के नौजवानों को रोजगार चाहिए।

 *गरीबों के समझे दर्द ऐसा मसीहा हो,*
 हमको कहां कालेधन का कारोबार चाहिए।

 *तुझको सारे चैनल झूठे अख़बार चाहिए,*
 मुल्क में फैला हमें अमन और प्यार चाहिए।

*शाहरुख मोईन*
अररिया बिहार
9534848402

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