कलम लाइव पत्रिका

ईमेल:- kalamlivepatrika@gmail.com

Sponsor

रूह Rooh kalpana gupta

रूह

रूह की जिस्म से निकल कर आई आवाज
हे मानव नहीं है तेरे पास कोई काम काज
क्यों तड़पाए बेज़ुबान को
क्या छुपा है इसमें राज़
माना के शिक्षित हो गया तूं
आधुनिक विधाएं सीख गया तूं
मार दिया विस्फोटक से एक
गर्भवती मां बेज़ुबान को
तेरी आंखों पर क्या
अंधकार की पट्टी थी चढ़ी
गर्भ पे जो उसके नज़र ना पड़ी
लानत है तेरे जैसे इंसान को
मैं तुझे क्या नाम दूं
वहशी दरिंदा या पागल इंसान कहूं
पत्थरों से मार देना चाहिए
तेरे जैसे शैतान को

ये ना कोई है सियासत की बात
समझता अगर दर्द मां का
तो ना मसलता कलियां
ना पहुंचाता आघात
मिटा देना चाहिए ऐसे
 इंसान की पहचान को।

कल्पना गुप्ता /रतन
परिचय
नाम_कल्पना गुप्ता सीनियर लेक्चरर
कलमी नाम_कल्पना गुप्ता/ रतन
जन्म स्थान--भद्रवाह (जम्मू एंड कश्मीर)

No comments:

Post a Comment