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निज़ाम-फतेहपुरी के ग़ज़ल/Nizam Fatehpuri ke ghazal/गजल

 निज़ाम फतेहपुरी

ग़ज़ल- 221 2122  221 2122

अरकान-मफ़ऊल फ़ाइलातुन मफ़ऊल फ़ाइलातुन

सारे जहाँ में कोई, हमदम नहीं हमारा।
हमदर्द बन के आख़िर, सब ने किया किनारा।।

नादान दिल को मेरे, धोखा दिया उन्होंने।
जिनका था ज़िंदगी में, हमको फक़त सहारा।।

अनजान बन गए वो, बर्बाद करके मुझको।
फिर भी ये दिल उन्हें  कुछ, कहता नहीं बेचारा।।

अरमान दिल के सारे, दिल में मचल रहे हैं।
अर्ज़े वफा भी करना, हमको नहीं गंवारा।।

रुख़ से नक़ाब हटते, इक आह दिल से निकली। 
मैं बेखुदी में उनका, करता रहा नजारा।।

तारीकियों में भटके, इस आस पर सदा हम।
चमकेगा एक दिन तो, तक़दीर का सितारा।।

मरने का ग़म नहीं है, ग़म तो निज़ाम ये है।
अपनी ही सादगी ने, अपना गला उतारा।।

निज़ाम-फतेहपुरी
ग्राम व पोस्ट मदोकीपुर
ज़िला-फतेहपुर (उत्तर प्रदेश)
6394332921
9198120525

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