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कवि रंग को कविता हवा चाहिए.. kavi rang ki Kavita hawa chahiye

           हवा चाहिए

प्रेम   को बढ़ाने  वाली खास दवा चाहिए।
जग  मे  जीने  के  लिए कुछ हवा चाहिए।।

दुश्वारियों के चलते जवानी मे जरा सा दिखे ।
प्यार  करने  के  लिए   दिल  जवां    चाहिए।।

माना   दोस्ती   हमारी - तुम्हारी    पुरानी हुई।
सदा   इस   दिल   को   यार   नवां    चाहिए।।

अब   एक   सेर   से काम   चलने वाला नहीं।
दिल   की   लगी  के  लिए  सेर   सवा चाहिए।।

जंग   लगे   पहिये से  दोस्ती   चलती   कहां।
जीवन   की   सड़क  पर पहिया रवां चाहिए।।

एक   के   प्रेम   से  अब  काल  कटता कहां।
आज   प्यार करने  के  लिए  कारवां चाहिए।।

स्वरचित
मौलिक               ।। कविरंग।।

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