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जांबाज योद्धा Jabaz yoddha

जांबाज योद्धा


कल रात सीमाओं पर उगलती रही आग
धोखे  बाज़  चीन  ने  दिया  ऐसा  दाग
पराक्रमी  योद्धा  लड़ते  रहे  सारी  रात
जहां शत्रु ने बिछा रखी थी पहले से बिसात।

दे कर शहादत देश पे अपनी जान की
बढ़ा गए शान अपने देश हिंदुस्तान की
कितने ही जवान हो गए देश पर कुर्बान
साथ ले गए ढेर सारे चीनी बुज़दिलों की जान।

दीवानों की तरह बहा दिया अपना खून
अक्समात नमन करता मन, देखकर उनका जुनून
करते रहे सुरक्षा, भारत माता की सारी रात
छुपा था जहां शत्रु पहले से, लगाकर घात।

आंखों से निकले शोले, दिल से धधकती हुई आग
चुन-चुन के मारा सबको, नहीं सके वह भाग
हमारे वीरों को मार, वह दे गया ऐसा दाग
मिट ना सकेगा, जब तक ना बुझें, उनके चिराग।

ए मेरे देश के बहादुर रणबांकुरे जांबाज़ हीरो
शत शत प्रणाम तुम्हें,देश के सच्चे वीरों
देखो आज देश के वीरों का डोला उठा
बाराती बने लोग, मां का दिल कांप उठा।

बहनों के वीरों ने उठाकर, तलवार व शमशीर
लिखकर आए थे, वह भारत मां की तकदीर
कैसे उठा पाए कोई, भारत मां की तरफ आंख
फोड़ दिया उनको हमने, देकर अपना बलिदान।

बेवाओं ने रज के ना किया था अभी शृंगार 
बिंदी सिंदूर डाल, करतीं थीं  रोज़  इंतजार
जल्दी ही आऊंगा मैं, करने मोहब्बत ए इज़हार
खिजां तो आ गई, आ ना पाया मौसम बहार।

कल्पना गुप्ता/ रतन
परिचय

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