मेरा साया
जब भी तू खुद को तन्हा पाएगा.
मेरा साया तेरी तन्हाई मिटाने आएगा.
तू जब धीरे से मुस्कुराएगा.
मेरा दिल तभी सुकून में आएगा.
याद मत करना मुझे तेरा मन किताबों में लग ना पाएगा.
तेरा मकसद अधूरा रह जाएगा.
तू हर वक्त मेरे पास होता है.
यही आस और सुकून का जज्बा मेरे साथ होता है.
निकल जाए तो अपने ख्वाबों से आगे.
मेरे ख्वाबों की ताबीर कहती है.
इंतजार करूंगी मैं तेरा मुझसे मेरी सादगी कहती है.
उदास ना रहना तू मैं भी खुश नहीं रह पाऊंगी.
मर जाएगा तू तो मैं भी कुमला जाऊंगी.
कभी कभी वक्त ऐसा भी आ पड़ता है.
कुछ छोड़कर कुछ पाना पड़ता है.
नाम _ फिजा फातिमा
उत्तर प्रदेश - पीलीभीत
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