कैसे जले दीप ईश्क में दिलजलेदीपावली में दीपसंग समाज तब जलेउन्नति की, जब हो भीत।।इस दीपावली कैसे जलेहर घर में दीपदो सौ के पार हैकड़ूआ कडवा नीर।।फल सब्जी कोसो भागेपाकेट जाये झूलकैसे कैसे सपने दिखाकेघर घर पहुंचाये शूल।। आशुतोषपटना (बिहार)
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